Текст песни Neelam Ke Nabh Chhayee Pukharaji Janki - Laxmikant Pyarelal feat. Lata Mangeshkar
नीलम
के
नभ
छाई
पुखराजी
झाँकी
मेरे
दो
नैनों
में
किरणों
के
पाखी
पात
की
गोदी
में
सोई
थी
एक
कली
कैसे
सोई
होगी
कली?
जैसे
सोई
मेरी
लली
कली
हिली?
(Mm-hmm),
कली
डुली?
(ना-ना)
घुली-घली
बैंजनिया,
सपनों
में
एक
कली
एतने
में
मोर
पंख
परस
हुआ
घुली-घली
बैंजनिया,
सपनों
में
एक
कली
इतने
में
मोर
पंख
परस
हुआ
कहाँ-कहाँ
पे
छुआ
रे?
ज़रा
इसे
तो
बता
रे
गालों
पर?
(Mm-hmm),
बालों
पर
(ना-ना)
इतने
में
मोर
पंख
परस
हुआ
पलकों
पर
जादू
से
फूल
बनी
एक
कली
चंपा
की
(सच,
इसके
नैनों
में
किरणों
पे
पाखी)
(सच,
इसके
नैनों
में
किरणों
पे
पाखी)
चंपा
के
पाँव
में
घुँघरू
उग
आए
चंपा
के
पाँव
में
घुँघरू
उग
आए
सहनी
ने
ताल
दिया,
थिरक-थिरक
लहराए
भँवरे
का
गंध-गीत
सात
सुरों
वाला
(Hmm,
hmm,
hmm)
सुंदर
आने
का
होश
किसे
बाक़ी?
(हम
सब
के
नैंनों
में
किरणों
पे
पाखी)
(हम
सब
के
नैंनों
में
किरणों
पे
पाखी)
(हम
सब
के
नैंनों
में
किरणों
पे
पाखी)
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