Текст песни Ek Taraf Hai Maa Ki Chhaya - Mohammed Rafi
एक
तरफ़
है
माँ
की
छाया,
एक
तरफ़
है
ताज
राम-लखन
की
जोड़ी,
देखो,
बिछड़
रही
है
आज
राम-लखन
की
जोड़ी,
देखो,
बिछड़
रही
है
आज
राम-लखन
की
जोड़ी,
देखो,
बिछड़
रही
है
आज
एक
तरफ़
है
माँ
की
छाया,
एक
तरफ़
है
ताज
राम-लखन
की
जोड़ी,
देखो,
बिछड़
रही
है
आज
टूट
गया
है
पल
दो
पल
में
सारी
उमर
का
नाता
लुट
गई
पूँजी,
लुट
गया
कोई
देख
रहा
है
दाता
देख
रहा
है
दाता
इस
आँगन
को
छोड़
चला
क्यूँ
जिपसे
किया
है
राज?
एक
तरफ़
है
माँ
की
छाया,
एक
तरफ़
ताज
राम-लखन
की
जोड़ी,
देखो,
बिछड़
रही
है
आज
अपने
लहू
से
जिसको
सींचा
काटा
उस
फुलवारी
को
आग
लगा
दो
दुनिया
वालों
एसी
दुनियादारी
को
एसी
दुनियादारी
को
चुपके-चुपके
रोए
माली,
बाग़
हुआ
ताराब
एक
तरफ़
है
माँ
की
छाया,
एक
तरफ़
ताज
राम-लखन
की
जोड़ी,
देखो,
बिछड़
रही
है
आज
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