Текст песни Lamha (Acoustic) - Prashant Soni
ये
जो
लमहा
है
मेरा
तेरे
संग
इसको
मैं
थामकर
कुछ
गाँठें
बाँध
लूँ
जिस
पहर
ना
हो
तू
संग
मेरे,
वो
पहर
ही
टाल
दूँ
लमहा
ये
थाम
लूँ
तुम
मिले
तो
मिली
रोशनी
जुगनुओं
सी
हुई
ज़िंदगी
खिल
उठे
ख़ाब
भी
इस
कदर
रात
भी
अब
कहे
बस
यही
ये
जो
लमहा
है
मेरा
तेरे
संग
इसको
मैं
थामकर
कुछ
गाँठें
बाँध
लूँ
थाम
लूँ
ख़ाब
चल
एक
तेरे
नाम
का
बारिशें
चूम
लूँ
जैसे
बूँदे
हो
तू
एक
नशा
इन
दिनों
इन
निगाहों
को
है
तितलियों
के
परों
पे
भी
लगता
तेरा
नाम
है
क्या
मैं
ऐसा
करूँ?
क्यूँ
ना
ऐसा
करूँ?
ये
जो
लमहा
है
मेरा
तेरे
संग
![Prashant Soni - Flames: Season 2 (Music from the Tvf Original Series) - EP](https://pic.Lyrhub.com/img/m/0/n/u/hrat79un0m.jpg)
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