Raghu Dixit - Mysore Se Ayi текст песни

Текст песни Mysore Se Ayi - Raghu Dixit




मैसूर से आयी वो
अँखियों से तीर मार गयी
बोले बोले रे
दिल को चुरा के ले गयी
चाँद का टुकड़ा है चेहरा
बहती बालों की धरा
उसमें मोती का गजरा
आँखें जो चैन मार गयी
हे... आजारे
सजनी आजारे
हे... आजारे
बाहोंमे आजारे
मैसूर से आयी वो
अँखियों से तीर मार गयी
चमकाए दिल में तारा
प्यासा हूँ प्यार का मारा
समझे दिल ये मेरा
मदिरा की घूमर मार गयी
हे... आजारे



Авторы: Raghu Dixit


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