Ravindra Jain feat. Anuradha Paudwal & Shiv Kumar - Shri Krishan Govind Hare Murari текст песни

Текст песни Shri Krishan Govind Hare Murari - Ravindra Jain , Anuradha Paudwal




नमो विश्वस्य धूमाय विश्वस्य धूमाय
विश्वस्य धूमाय विश्वस्य धूमाय
विश्वस्य धूमाय विश्वस्य धूमाय
विश्वस्य धूमाय
विश्वस्य धूमाय नमो नमः
भवात्मुक्तः भवे मुक्ति जन्म मृत्योर कारणः
सायुज्य मोक्षदाता अनुभवार्थं भवो भवः
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेव
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेव
रूप चतुर्भुज धरि के पधारे
रूप चतुर्भुज धरि के पधारे
हे नाथ नारायण वासुदेव
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेव
तुम में वास करे जग सारा
सारे जग में वास तुम्हारा
संचालित है प्रतिपादित है
सारी सृष्टि तुम्हारे द्वारा
जय नारायण, जय नारायण
जीवों में तुम, तुम में जीव सारे
जीवों में तुम, तुम में जीव सारे
हे नाथ नारायण वासुदेव
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेव
वेदो पूर्ण हुआ आने का
देह मानवी पाने का
मृत्युलोक से अब मेरा
स्रमणि पट है जाने का
जय नारायण, जय नारायण
अब प्राण पंछी तुम्हें पुकारे
अब प्राण पंछी तुम्हें पुकारे
हे नाथ नारायण वासुदेव
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेव
पितु मात स्वामी सखा हमारे
पितु मात स्वामी सखा हमारे
हे नाथ नारायण वासुदेव
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेव
परमधाम आत्मा चली
काया भई गतिहीन
ज्योतिर्मय की ज्योत मे
हो गई ज्योति वीर



Авторы: Ravindra Jain


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