Текст песни Faza Bhi Hai Jawan - Version 3 - Salma Agha
फज़ा
भी
है
जवाँ,
जवाँ
हवा
भी
है
रवाँ,
रवाँ
सुना
रहा
है
ये
समा
सुनी
सुनी
सी
दास्ताँ...
फज़ा
भी
है
जवाँ,
जवाँ...
पुकारते
हैं
दूर
से,
वो
काफिले
बहार
के
बिखर
गये
हैं
रंग
से,
किसी
के
इंतजार
के
लहर
लहर
के
होंठ
पर,
वफ़ा
की
है
कहानियाँ
सुना
रहा
है
ये
समा
सुनी
सुनी
सी
दास्ताँ...
फज़ा
भी
है
जवाँ,
जवाँ...
बुझी
मगर
बुझी
नहीं,
न
जाने
कैसी
प्यास
है
करार
दिल
से
आज
भी,
ना
दूर
है
ना
पास
है
ये
खेल
धूप-छाँव
का,
ये
कुरबतें,
ये
दूरियाँ
सुना
रहा
है
ये
समा
सुनी
सुनी
सी
दास्ता...
फज़ा
भी
है
जवाँ,
जवाँ...
हर
एक
पल
को
ढूंढता,
हर
एक
पल
चला
गया,
हर
एक
पल
फिराक
का,
हर
एक
पल
विसाल
का,
हर
एक
पल
गुजर
गया,
बना
के
दिल
पे
इक
निशाँ
।
सुना
रहा
है
ये
समा
सुनी
सुनी
सी
दास्ता...
फज़ा
भी
है
जवाँ,
जवाँ
हवा
भी
है
रवाँ,
रवाँ
सुना
रहा
है
ये
समा
सुनी
सुनी
सी
दास्ताँ
।
फज़ा
भी
है
जवाँ,
जवाँ...
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