Текст песни Yeh Honsla - Shafqat Amanat Ali
ये
हौसला
कैसे
झुके
ये
आरज़ू
कैसे
रुके
ये
हौसला
कैसे
झुके
ये
आरज़ू
कैसे
रुके
मंज़िल
मुश्किल
तो
क्या
धुंदला
साहिल
तो
क्या
तन्हा
ये
दिल
तो
क्या
राह
पे
कांटे
बिखरे
अगर
उसपे
तो
फिर
भी
चलना
ही
है
शाम
छुपाले
सूरज
मगर
रात
को
१ दिन
ढालना
ही
है
रुत
ये
टल
जाएगी
हिम्मत
रंग
लाएगी
सुबह
फिर
आएगी
ये
हौसला
कैसे
झुके
ये
आरज़ू
कैसे
रुके
ये
हौसला
कैसे
झुके
ये
आरज़ू
कैसे
रुके
होगी
हमें
तो
रेहमत
अदा
धुप
कटेगी
साये
ताले
अपनी
खुदा
से
है
ये
दुआ
मंज़िल
लगाले
हमको
गले
ज़ुर्रत
१००
बार
रहे
ऊंचा
इकरार
रहे
ज़िंदा
हर
प्यार
रहे
ये
हौसला
कैसे
झुके
ये
आरज़ू
कैसे
रुके
ये
हौसला
कैसे
झुके
ये
आरज़ू
कैसे
रुके
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