Текст песни Manzar Hai Ye Naya - Shashwat Sachdev & Shantanu Sudame
काँधे
पे
सूरज
टिका
के
चला
तू
हाथों
में
भर
के
चला
बिजलियाँ
काँधे
पे
सूरज
टिका
के
चला
तू
हाथों
में
भर
के
चला
बिजलियाँ
तूफ़ाँ
भी
सोचे,
ज़िद
तेरी
कैसी
ऐसा
जुनूँ
है
किसी
में
कहाँ
बहता
चला
तू,
उड़ता
चला
तू
जैसे
उड़ें
बे-धड़क
आँधियाँ
बहता
चला
तू,
उड़ता
चला
तू
जैसे
उड़ें
आँधियाँ
मंज़र
है
ये
नया,
मंज़र
नया,
मंज़र
है
ये
नया
कि
उड़
रही
हैं
बे-धड़क
सी
आँधियाँ
मंज़र
है
ये
नया,
मंज़र
नया,
मंज़र
है
ये
नया
कि
उड़
रही
हैं
बे-धड़क
सी
आँधियाँ
कँपते
थे
रस्ते,
लोहे
से
बस्ते
बस्तों
में
तू
भर
चला
आसमाँ
आएँगी
सदियाँ,
जाएँगी
सदियाँ
रह
जाएँगे
फिर
भी
तेरे
निशाँ
बहता
चला
तू,
उड़ता
चला
तू
जैसे
उड़ें
बे-धड़क
आँधियाँ
बहता
चला
तू,
उड़ता
चला
तू
जैसे
उड़ें
आँधियाँ
मंज़र
है
ये
नया,
मंज़र
नया,
मंज़र
है
ये
नया
कि
उड़
रही
हैं
बे-धड़क
सी
आँधियाँ
मंज़र
है
ये
नया,
मंज़र
नया
(मंज़र
है
ये
नया)
कि
उड़
रही
हैं
बे-धड़क
सी
आँधियाँ
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