Текст песни Behe Chala - Yasser Desai , Shashwat Sachdev
ज़िंदगी
हा
थोड़े
थोड़े
फ़ासले
थे
कुछ
तेरे
कुछ
मेरे
क्यूँ
दरमियाँ
ज़िंदगी
हा
थी
जो
शिकायतों
को
कुछ
तूने
कुछ
मैंने
सुलझा
लिया
ज़िंदगी
हा
थोड़े
थोड़े
फ़ासले
थे
कुछ
तेरे
कुछ
मेरे
क्यूँ
दरमियाँ
ज़िंदगी
हाँ
थी
जो
शिकायतों
को
कुछ
तूने
कुछ
मैंने
सुलझा
लिया
तेरे
इशारों
पे
मैं
चलता
रहा
मेरे
इशारों
पे
तू
भी
चल
कभी
तेरे
इशारों
पे
मैं
चलता
रहा
मेरे
इशारों
पे
तू
चल
कभी
बेह
चला
बेह
चला
मुसाफ़िरे
कहाँ
बेह
चला
बेह
चला
बेह
चला
बेह
चला
बेह
चला
मुसाफ़िरे
कहाँ
बेह
चला
(बेह
चला
बेह
चला,
बेह
चला
बेह
चला)
आधे
आधे
यहीं
आधे
और
कहीं
ज़िंदगी
हा
टूटे
टूटे
तीनकों
को
चुन
लें
हम
बून
लें
हम
इक
आशियाँ
ज़िंदगी
हा
छोटे
छोटे
पर
लेकर
चल
देखें
जाएँ
कहाँ
आसमान
क़तरा
क़तरा
मैं
तुझे
चुनता
रहा
क़तरा
क़तरा
फिर
तू
भी
बिखर
गयी
क़तरा
क़तरा
मैं
तुझे
चुनता
रहा
क़तरा
क़तरा
तू
बिखर
गयी
बेह
चला
बेह
चला
मुसाफ़िरे
कहाँ
बेह
चला
(बेह
चला
बेह
चला,
बेह
चला
बेह
चला)
बेह
चला
बेह
चला
मुसाफ़िरे
कहाँ
बेह
चला
(बेह
चला
बेह
चला)
हैं
हम
मिले
सौ
सौ
दफ़ा
फिर
भी
क्यूँ
तू
मिले
अजनबी
की
तरह
है
मंज़िलें
सब
कहीं
यहाँ
फिर
भी
रास्तों
में
रास्ते
उलझ
रहे
यहाँ
कितना
भी
मैं
चलूँ
तेरी
ओर
होती
कम
ही
नहीं
क्यूँ
कभी
दूरियाँ
तेरे
इशारों
पे
मैं
चलता
रहा
मेरे
इशारों
पे
तू
भी
चल
कभी
तेरे
इशारों
पे
मैं
चलता
रहा
मेरे
इशारों
पे
तू
चल
कभी
बेह
चला
बेह
चला
मुसाफ़िरे
कहाँ
बेह
चला
(बेह
चला
बेह
चला)
बेह
चला
बेह
चला
मुसाफ़िरे
कहाँ
बेह
चला
(बेह
चला
बेह
चला)
आधे
आधे
यहीं
आधे
और
कहीं
आधे
आधे
यहीं
(ज़िंदगी
हा)
आधे
और
कहीं
(थोड़े
थोड़े
फासले
थे)
ज़िंदगी
हा
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