Talat Mahmood - Sab Kuchh Loota Ke, Pt. 2 текст песни

Текст песни Sab Kuchh Loota Ke, Pt. 2 - Talat Mahmood




करते रहे खिज़ा से हम सौदा बहार का
बदला दिया तो क्या ये दिया उनके प्यार का
सब कुछ लूटा के होश में आये तो क्या किया
सब कुछ लूटा के होश में आये तो क्या किया
दिन ने अगर चराग़ जलाये तो क्या किया
सब कुछ लूटा के होश में आये तो क्या किया
हम बदनसीब प्यार की रुसवाई बन गये
खुद ही लगा के आग तमाशाई बन गये
तमाशाई बन गये
दामन से अपने शोले बुझाये तो क्या किया
दिन ने अगर चराग़ जलाये तो क्या किया
सब कुछ लूटा के होश में आये तो क्या किया
ले ले के हार फूलों के, आई तो थी बहार
नज़रे उठा के हम ने ही, देखा ना एक बार
देखा ना एक बार
आँखों से अब ये परदे हटाये तो क्या किया
दिन ने अगर चराग़ जलाये तो क्या किया



Авторы: Prem Dhawan


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