Текст песни Maya Maha Thagini - Urvashi Choudhary
माया
महा
ठगनी
हम
जानी।।
तिरगुन
फांस
लिए
कर
डोले
बोले
मधुरे
बानी।।
केसव
के
कमला
वे
बैठी
शिव
के
भवन
भवानी।।
पंडा
के
मूरत
वे
बैठीं
तीरथ
में
भई
पानी।।
योगी
के
योगन
वे
बैठी
राजा
के
घर
रानी।।
काहू
के
हीरा
वे
बैठी
काहू
के
कौड़ी
कानी।।
भगतन
की
भगतिन
वे
बैठी
बृह्मा
के
बृह्माणी।।
कहे
कबीर
सुनो
भई
साधो
यह
सब
अकथ
कहानी।।
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