Kishore Kumar - Kitne Atal Thay (From "Ek Bar Mooskura Do") Songtexte

Songtexte Kitne Atal Thay (From "Ek Bar Mooskura Do") - Kishore Kumar




तुझको आज बताना होगा
क्या थी वो मजबूरी?
साथ उम्रभर का देना था
दे दी उम्रभर की दूरी
कितने अटल थे तेरे इरादे
याद तो कर तू वफ़ा के वादे
तूने कहा था खाकर कस्में
सदा निभायेंगे प्यार की रस्में
तू औरों की क्यों हो गई?
तू हमारी थी, जान से प्यारी थी
तेरे लिए मैने दुनिया सँवारी थी
तू औरों की क्यों हो गई?
प्यार की मस्ती तूने ना चाही
तूने तो चाहा चाँदी का प्याला
आँसू किसी के क्या तू पहनती
तुझको पहनती थी मोती की माला
तुझको पहनती थी मोती की माला
पग-पग पर विश्वास के बदले
छला करेगी तुझको शंका
आग की लपटों में लिपटी है
ये तेरी सोने की लंका
तू औरों की क्यों हो गई?
तू हमारी थी, जान से प्यारी थी
तेरे लिए मैने दुनिया सँवारी थी
तू औरों की क्यों हो गई?
क्या ये तेरे सुख के साधन
मेरी याद को भुला सकेंगे
मेरी याद जब नींद उड़ा देगी
क्या ये तुझ को सुला सकेंगे
क्या ये तुझ को सुला सकेंगे
साधन में सुख होता नहीं है
सुख जीवन की एक कला है
मुझसे ही छल किया ना तूने
अपने को तूने आप छला है
तू औरों की क्यों हो गई?
तू हमारी थी, जान से प्यारी थी
तेरे लिए मैने दुनिया सँवारी थी
तू औरों की क्यों हो गई?
तेरे लिए मैं लाया बहारें
तेरे लिए मैं जान पे खेला
दो दिन तूने ही राह ना देखी
छोड़ के चल दी मुझे अकेला
छोड़ के चल दी मुझे अकेला
तेरी जुदाई मेरी चीता है
ग़म की चीता में मैं जल रहा हूँ
मन मेरा दहके मरघट जैसा
अंगारों पे मैं चल रहा हूँ
तू औरों की क्यों हो गई?
तू हमारी थी, जान से प्यारी थी
तेरे लिए मैने दुनिया सँवारी थी
तू औरों की क्यों हो गई
तू औरों की क्यों हो गई
तू औरों की क्यों हो गई



Autor(en): o.p. nayyar, indivar



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