Prashant Beybaar - Maut Songtexte

Songtexte Maut - Prashant Beybaar




ज़िन्दगी में दौड़ते भागते
बचते रहे मौत से अक्सर
ठहर के इक पल सोचा
कि, ये मौत क्या है!
जाती साँसों का सिलसिला है?
या आज़ाद रूहों की कड़ी है?
हिज्र है ज़मीं से छूटते जिस्म का?
या वस्ल है आसमानी तिलिस्म का?
ग़म है छूटते ख़ुलूस का?
या, जश्न है माज़ी बनते जुलूस का?
एक ठहरे वक़्फ़े में
ख़ला में जज़्ब होता धुआँ है?
या कुंदन बनी रूह की जिला है?
मौत है क्या?



Autor(en): Prashant Beybaar


Prashant Beybaar - Dareecha-e-Zindagi
Album Dareecha-e-Zindagi
Veröffentlichungsdatum
08-04-2022



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