R. D. Burman & Kishore Kumar - Raat Kali Ek Khwab Men Aai (From"Buddha Mil Gaya") Songtexte

Songtexte Raat Kali Ek Khwab Men Aai (From"Buddha Mil Gaya") - R. D. Burman & Kishore Kumar




रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे आँख उन्हीं से चार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई
चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत
चाहे हँसी में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे, मुझको खबर नहीं
हो सके तुम्हीं बता दो
चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत, चाहे हँसी में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे, मुझको खबर नहीं, हो सके तुम्हीं बता दो
तुमने क़दम तो रखा ज़मीन पर, सीने में क्यों झनकार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई
आँखों में काजल और लटों में काली घटा का बसेरा
सांवली सूरत, मोहनी मूरत, सावन रुत का सवेरा
आँखों में काजल और लटों में काली घटा का बसेरा
सांवली सूरत मोहनी मूरत, सावन रुत का सवेरा
जबसे ये मुखड़ा दिल में खिला है, दुनिया मेरी गुलज़ार हुई
रात कलि एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई
यूँ तो हसीनों के, माहाजबीनों के, होते हैं रोज़ नज़ारे
पर उन्हें देख के, देखा है जब तुम्हें, तुम लगे और भी प्यारे
यूँ तो हसीनों के माहाजबीनों के, होते हैं रोज़ नज़ारे
पर उन्हें देख के, देखा है जब तुम्हें, तुम लगे और भी प्यारे
बाहों में ले लूं, ऐसी तमन्ना एक नहीं कई बार हुई
रात कलि एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे आँख उन्हीं से चार हुई
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई



Autor(en): Majrooh Sultanpuri, Rahul Dev Burman


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