Abhijeet Sawant - Bawari Lyrics

Lyrics Bawari - Abhijeet Sawant




कितना सतावे तू मुझे भटक-भटक के
मन को माहरे कभी चैन ना आवे
दूर तू है, तेरा सपना सतावे
चाहे के तू मुझ से बावरी?
बावरी, बावरी...
खाली इक नगरी है, है खाली आसमाँ
अपने हाथों से दे उस को घर बना
बैठी है सामने और तुझ को मैं ढूँढता
तेरी-मेरी कहानी की सुबह मैं ढूँढता
कैसे रोकूँ तेरे सपनों को जीने से?
बिछ गए नैना माहरे तेरे ही क़दमों पे, हो
भी जा, देख, अब ना सता तू
चाहे के तू मुझ से बावरी?
बावरी, बावरी...



Writer(s): Akhil Chaudhary, Amit Sawant



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