Alka Yagnik & Mohammed Aziz - Bulbul Ne Bhi Lyrics

Lyrics Bulbul Ne Bhi - Alka Yagnik , Mohammod Aziz




सजना, मेरे सजना
बुलबुल ने भी यूँ गुल को पुकारा नहीं होगा
बुलबुल ने भी यूँ गुल को पुकारा नहीं होगा
जिस दर्द से हम तुम को दिया करते हैं आवाज़
बेचैन मोहब्बत का क्या ख़ूब है अंदाज़
बेचैन मोहब्बत का क्या ख़ूब है अंदाज़
जिस दर्द से तुम हम को दिया करते हो आवाज़
बुलबुल ने भी यूँ गुल को पुकारा नहीं होगा
जिस दर्द से हम तुम को दिया करते हैं आवाज़
चाहत के परवाने हैं, "आशिक़" अपना नाम
चाहत के परवाने हैं, "आशिक़" अपना नाम
हम को तड़पने से ही मिलता है आराम
हम को तड़पने से ही मिलता है आराम
अंजाम ख़ुदा जाने, अच्छा तो है आग़ाज़
जिस दर्द से तुम हम को दिया करते हो आवाज़
बुलबुल ने भी यूँ गुल को पुकारा नहीं होगा
जिस दर्द से हम तुम को दिया करते हैं आवाज़
दिल के लहू से लिख दी हम ने प्रेम कहानी
दिल के लहू से लिख दी हम ने प्रेम कहानी
तेरे हवाले कर दी अपनी ये ज़िंदगानी
तेरे हवाले कर दी अपनी ये ज़िंदगानी
अफ़साने लिखें हम ने ले के नए अल्फ़ाज़
जिस दर्द से हम तुम को दिया करते हैं आवाज़
बेचैन मोहब्बत का क्या ख़ूब है अंदाज़
जिस दर्द से तुम हम को दिया करते हो आवाज़
रंगों का है मौसम, ख़ुशबू के हैं मेले
रंगों का है मौसम, ख़ुशबू के हैं मेले
आके गले लग जाओ, अब ना रहेंगे अकेले
आके गले लग जाओ, अब क्यूँ रहे अकेले?
सच है के नहीं बजता सरगम के बिना साज़
जिस दर्द से तुम हम को दिया करते हो आवाज़
बुलबुल ने भी यूँ गुल को पुकारा नहीं होगा
जिस दर्द से हम तुम को दिया करते हैं आवाज़
बेचैन मोहब्बत का क्या ख़ूब है अंदाज़
जिस दर्द से तुम हम को दिया करते हो आवाज़



Writer(s): Saifi Nadeem, Rathod Shravan, Pandy Sameer (t)



Attention! Feel free to leave feedback.