Arijit Singh - Jaana Ve Lyrics

Lyrics Jaana Ve - Arijit Singh




मोहब्बत, इबादत, शिकायत मैं जिससे करूँ
वो तुम हो, तुम्ही हो, जान-ए-जाँ
गुज़ारिश या ख्वाहिश, फ़रमाइश मैं जिससे करूँ
वो तुम हो, तुम्ही हो, साथिया
चेहरा तेरा मांगे आँखें मेरी, जाना
तेरी जुस्तजू में कटता हर दिन मेरा
जाना वे, जाना वे
मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे
जाना वे, जाना वे
मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे
जाना वे, जाना वे
मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे
जाना वे, जाना वे
मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे
ख़यालों में मैंने तुझको बुना था
हक़ीक़त में मुझको तू मिल गया
यही सोच के मैं खुद हैरान हूँ
रब को ये कैसे पता चल गया?
लिखी थी मुक़द्दर में चाहत तेरी, जाना
के तू जहाँ में मेरा हो ही गया
जाना वे, जाना वे
मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे
जाना वे, जाना वे
मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे
तेरी आरज़ू में कब से जी रहा था
तेरी जुस्तजू थी मुझे बेपनाह
निगाहों से मेरी तू दूर ना जाना
बाहों में मेरी घर है तेरा
मेरी हर तमन्ना है पूरी हुई, जाना
महका हुआ है हर लम्हा मेरा
जाना वे, जाना वे
मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे
जाना वे, जाना वे
मोहब्बत करते रहना रे
हो मौसम चाहे कैसा भी, हमेशा मेरा रहना रे
जाना वे
जाना वे
जाना वे



Writer(s): mithoon


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