Lyrics Sab Dhan Maati (Radio Mix) - Arijit Singh
मद-माया
में
लुटा
रे
कबीरा
हो,
मद-माया
में
लुटा
रे
कबीरा
काँच
को
समझा
कंचन-हीरा
झर
गए
सपने
पाती-पाती
आँख
खुले
तो
सब
धन
माटी
आँख
खुले
तो
सब
धन
माटी
हो,
सपने
हैं
लाल,
जवाँ
हर
ताले
हो,
सपने
हैं
लाल,
जवाँ
हर
ताले
हीरे
मानिक
मोती
हिरोले
महल,
दुमहले,
घोड़े,
हाथी
आँख
खुले
तो
सब
धन
माटी
आँख
खुले
तो
सब
धन
माटी
खुल
गई
जेहि
दिन
कर्म
गठरिया
ओ,
खुल
गई
जेहि
दिन
कर्म
गठरिया
धू-धू
बर
गई
सपन
नगरिया
कोयला
हो
गई
सारी
चाँदी
आँख
खुले
तो
सब
धन
माटी
आँख
खुले
तो
सब
धन
माटी
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