Lyrics Woh Baarishein - Arjun Kanungo
वो
भी
क्या
शाम
थी
बरसे
थे
टूट
के
बादल
जुलाई
के
हर
जगह
हाथों
में
छत्रीयाँ
दोनों
के
थी
मगर
भीगे
थे
दोनों
ही
बेवजह
वो
बारिशें
क्या
हो
गई?
क्या
हो
गई
वो
बारिशें?
तुम
बेनिशां
क्यूँ
हो
गए?
ढूँढू
कहाँ
तुम्हें?
हज़ारों
आँसू
मैं
संभाले
बैठा
हूँ
रुलाने
आई
हैं
मुझे
जाने
क्यूँ
यादें
भुलाऊँ
कैसे
मैं
वो
सारी
बरसातें
गुज़ारी
थी
हमने
जो
साथ
में
वो
बारिशें
क्या
हो
गई?
क्या
हो
गई
वो
बारिशें?
तुम
बेनिशां
क्यूँ
हो
गए?
ढूँढू
कहाँ
तुम्हें?
शामें
ये
नीली
सी
शामें
आई
तो
लाई
याद
तेरी
याद
मैं
हूँ
तेरे
बिना
तन्हा
लौटा
दे
मुझे
वो
भीगा
हुआ
लम्हा
वो
बारिशें
क्या
हो
गई?
क्या
हो
गई
वो
बारिशें?
तुम
बेनिशां
क्यूँ
हो
गए?
वो
बारिशें,
वो
बारिशें,
वो
बारिशें
क्या
हो
गई?
क्या
हो
गई
वो
बारिशें?
ये
दूरियाँ,
क्यूँ
आ
गई
रहना
था
संग
हमें
ढूँढू
कहाँ
तुम्हें?
![Arjun Kanungo - Woh Baarishein](https://pic.Lyrhub.com/img/1/4/k/p/lru43apk41.jpg)
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