Lyrics Ghoonghat Ke Pat Khol - Hari Om Sharan
घूँघट
के
पट
खोल
शखी
री
मिलहैं
साईं
दीदारा
मिलहैं
साईं
दीदारा
घूँघट
के
पट
खोल
शखी
री
मिलहैं
साईं
दीदारा
मिलहैं
साईं
दीदारा
मोह
माया
की
ओढ़नी
ओढ़े
मोह
माया
की
ओढ़नी
ओढ़े
दीखे
नाही
द्वारा
दीखे
नाही
द्वारा
शुण्य
महल
में
घोर
अँधेरा
शुण्य
महल
में
घोर
अँधेरा
करो
नाम
उजिआरा
करो
नाम
उजिआरा
घूँघट
के
पट
खोल
शखी
री
मिलहैं
साईं
दीदारा
मिलहैं
साईं
दीदारा
गगन
मंडल
से
अमृत
बरसे
गगन
मंडल
से
अमृत
बरसे
होय
अनंद
अपारा
होय
अनंद
अपारा
अनहत
की
धुन,
बजे
निरंतर
अनहत
की
धुन,
बजे
निरंतर
सोहम
का
झंकारा
.
सोहम
का
झंकारा
घूँघट
के
पट
खोल
शखी
री
मिलहैं
साईं
दीदारा
मिलहैं
साईं
दीदारा
सतगुरु
साहेब,
की
बलिहारी
सतगुरु
साहेब,
की
बलिहारी
बांण
सबद
का
मारा
बांण
सबद
का
मारा
कहे
कबीरा
आपा
खोया
कहे
कबीरा
आपा
खोया
पाया
प्राण
अधारा
पाया
प्राण
अधारा
घूँघट
के
पट
खोल
शखी
री
मिलहैं
साईं
दीदारा
मिलहैं
साईं
दीदारा
घूँघट
के
पट
खोल
शखी
री
मिलहैं
साईं
दीदारा
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