Lyrics Aadat Nahi Tum Bin - Jyotica Tangri
आदत
नहीं
है
तुम
बिन
मुझे
जीने
की,
हाँ
आदत
नहीं
है
तुम
बिन
मुझे
जीने
की
आदत
नहीं
है
तुम
बिन
मुझे
जीने
की
हर
साँस
को
ज़हर
के
जैसे
पीने
की
हर
साँस
को
ज़हर
के
जैसे
पीने
की
आदत
नहीं
है
तुम
बिन
मुझे
जीने
की
आदत
नहीं
है
तुम
बिन
मुझे
जीने
की
बेइंतहा
तुझ
को
चाहूँ
मैं
एक
पल
जब
बिन
तेरे
जी
ना
पाऊँ
मैं
तो
कैसे
जियूँगी
मैं
ज़िंदगी
सारी?
दिल
पे
मेरे
है
तेरी
खुमारी
धड़कन
ना
चलेगी
तुम
बिन
सीने
की
आदत
नहीं
है
तुम
बिन
मुझे
जीने
की
हर
पल
रहूँ
साथ
मैं
तेरे
अब
चाहे
यही
रात-दिन
मेरे
बयाँ
हाल-ए-दिल
है
इन
निगाहों
से
हासिल
सुकूँ
है
तेरी
पनाहों
से
नौबत
कभी
ना
आए
ग़म
सीने
की
आदत
नहीं
है
तुम
बिन
मुझे
जीने
की
हर
साँस
को
ज़हर
के
जैसे
पीने
की
हर
साँस
को
ज़हर
के
जैसे
पीने
की
आदत
नहीं
है
तुम
बिन
मुझे
जीने
की
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