K. S. Chithra - Tadpa Gaya Lyrics

Lyrics Tadpa Gaya - K. S. Chithra




क्यूँ हमारे ख्वाबों में तू गया?
क्यूँ हमारे ख्वाब में तू गया?
हम सुकूँ से थे हमें तड़पा गया
हम सुकूँ से थे हमें तड़पा गया
तड़पा गया
क्यूँ हमारे ख्वाब में तू गया?
हम सुकूँ से थे हमें तड़पा गया
हम सुकूँ से थे हमें तड़पा गया
तड़पा गया
गिन के तारे काट लेते रात हम
गिन के तारे काट लेते रात हम
तू बिखर कर आसमां पर छा गया
तू बिखर कर आसमां पर छा गया
हम सुकूँ से थे हमें तड़पा गया
तड़पा गया
क्यूँ हमारे ख्वाब में तू गया?
हम सुकूँ से थे हमें तड़पा गया
हम सुकूँ से थे हमें तड़पा गया
तड़पा गया
भर चली थी ज़ख्म जो भी खिल गए
भर चली थी ज़ख्म जो भी खिल गए
तू नज़र के तीर क्यूँ बरसा गया?
तू नज़र के तीर क्यूँ बरसा गया?
हम सुकूँ से थे हमें तड़पा गया
तड़पा गया
क्यूँ हमारे ख्वाब में तू गया?
हम सुकूँ से थे हमें तड़पा गया
हम सुकूँ से थे हमें तड़पा गया
तड़पा गया




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