Kavita Krishnamurthy - Mat Ja Jogi Lyrics

Lyrics Mat Ja Jogi - Kavita Krishnamurthy




मत जा जोगी, मत जा रे पाँव पड़ूँ मैं तोरे
मत जा जोगी, मत जा रे पाँव पड़ूँ मैं तोरे
पाँव पड़ूँ मैं तोरे
अगर मैं चंदन की चिता रचाऊँ
अगर मैं चंदन की चिता रचाऊँ
अपने हाथ जला दू बोलो
मत जा जोगी, मत जा रे पाँव पड़ूँ मैं तोरे
पाँव पड़ूँ मैं तोरे
मैं जल कर भई भस्म की ढेरी
मैं जल कर भई भस्म की ढेरी
तू अपने अंग लगा जा जोगी
मत जा जोगी, मत जा रे पाँव पड़ूँ मैं तोरे
पाँव पड़ूँ मैं तोरे
प्रेम भक्ति के बंधन निराले
प्रेम भक्ति के बंधन निराले
हम को तू बता जा जोगी
मत जा जोगी, मत जा रे पाँव पड़ूँ मैं तोरे
पाँव पड़ूँ मैं तोरे
मीरा के प्रभू गिरिधर नागर
मीरा के प्रभू गिरिधर नागर
ज्योत से ज्योत मिला जा जोगी
मत जा जोगी, मत जा रे पाँव पड़ूँ मैं तोरे
मत जा जोगी, मत जा रे पाँव पड़ूँ मैं तोरे
पाँव पड़ूँ मैं तोरे



Writer(s): TRADITIONAL, SHAILENDRA BHARTI


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