Lyrics Intaha Ho Gai (Dialogues) - Kishore Kumar & Amitabh Bachchan
औरत
जब
तक
ज़िन्दगी
में
ना
आये
मर्द
की
बात
में
वज़न
पैदा
नहीं
होता
यही
कहा
करते
थे
ना
आप?
अब
देखलिया
बात
में
वज़न
पैदा
करते
करते
हमारा
वजन
कम
होगया
अच्छे
खासे
शरीफ
इंसान
को
मरवा
दिया
आपने
इससे
पहले
कभी
हम्हे
किसी
का
इंतज़ार
करते
हुवे
देखा
हैं
आपने?
ये
तो
ऐसे
लगरहा
हैं
की
जबसे
हम
पैदा
हुवे
हैं
यहाँ
बैठे
किसी
का
इंतज़ार
कर
रहे
हैं
ये
ये,
ये
मोमबत्ती
बुझने
से
पहले
अगर
वो
नहीं
आयी
तो
हम्हे,
हम्हे
मोमबत्तियों
से
हमेशा
के
लिए
नफरत
हो
जायेगी
इंतहा
हो
गयी
इंतज़ार
की
आई
ना
कुच्छ
खबर
मेरे
यार
की
ये
हमे
है
यक़ीन
बेवफा
वो
नही
फिर
वजह
क्या
हुई
इंतज़ार
की
इंतहा
हो
गयी
इंतज़ार
की
आई
ना
कुच्छ
खबर
मेरे
यार
की
ये
हमे
है
यक़ीन
बेवफा
वो
नही
फिर
वजह
क्या
हुई
इंतज़ार
की
बात
जो
है
उसमे
बात
वो
यहा
कही
नही
किसी
मे
वो
है
मेरी,
बस
है
मेरी,
शोर
है
यही
गली
गली
मे
साथ
साथ
वो
है
मेरे
गम
मे,
मेरे
दिल
की
हर
खुशी
मे
ज़िंदगी
मे
वो
नही
तो
कुच्छ
नही
है
मेरी
ज़िंदगी
मे
बुझ
ना
जाए
ये
शमा,
ऐतबार
की
इंतहा
हो
गयी
इंतज़ार
की
आई
ना
कुच्छ
खबर
मेरे
यार
की
ये
हमे
है
यक़ीन
बेवफा
वो
नही
फिर
वजह
क्या
हुई
इंतज़ार
की
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