Kishore Kumar - Musafir Hoon Yaaro Lyrics

Lyrics Musafir Hoon Yaaro - Kishore Kumar



मुसाफ़िर हूँ यारों
ना घर है ना ठिकाना
मुसाफ़िर हूँ यारों
ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है
बस चलते जाना
एक राह रुक गयी तो और जुड़ गयी
मैं मुड़ा तो साथ-साथ राह मुड़ गयी
हवा के परों पर मेरा आशियाना
मुसाफ़िर हूँ यारों
ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है
बस चलते जाना
दिन ने हाथ थाम कर इधर बिठा लिया
रात ने इशारे से उधर बुला लिया
सुबह से शाम से मेरा दोस्ताना
मुसाफ़िर हूँ यारों
ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है
बस चलते जाना
मुसाफ़िर हूँ यारों
ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है
बस चलते जाना



Writer(s): Rahul Dev Burman


Kishore Kumar - Kishore Kumar Digital Collection 1
Album Kishore Kumar Digital Collection 1
date of release
01-09-2004




Attention! Feel free to leave feedback.