Lyrics Mehboob Ki Mehndi - Lata Mangeshkar , Hemlata
दिल
में
उतार
के
पर
आँधों
में
दिगी
दिगी
बरसातों
में
कोई
कोई
जागी
जागी
कोई
कोई
चाँदनी
रातों
में
रातों
में
रातों
में
हो
रातों
में
रातों
में
हो
रातों
में
फिर
नींद
कहाँ
आती
है?
फिर
नींद
कहाँ
आती
है?
जो
लग
जाती
है
महबूब
की
मेहंदी
हाथों
में
हो
रातों
में
हो
रातों
में
फिर
नींद
कहाँ
आती
है?
जो
लग
जाती
है
महबूब
की
मेहंदी
हाथों
में
हो
रातों
में
जिनमे
खिली
हम
बनके
कलियाँ
ये
बाग़
फूल
की
गलियाँ
ये
बाग़
फूल
की
गलियाँ
छोड़
के
इनको
भूलेगा
दिल
कैसे?
ये
रंगरलियाँ
ये
गलियाँ
जो
याद
आती
हैं
बरस
जाती
हैं
ये
आँखें
बरसातों
में
हो
रातों
में
तुमको
मुबारक
दिन
ये
सुहाना
हमको
भूल
ना
जाना
हमको
भूल
ना
जाना
सुन
शादी
के
बाद
सहेली
दिल
का
हाल
सुनाना
बतलाना
कती
कैसे
रातें
हुई
हाय
बातें
क्या
पहली
मुलाकातों
में
हो
रातों
में
सारे
रिश्ते
सच्चे
झूठे
एक
ना
एक
दिन
टूटे
पर
इन
हाथों
से
मेहंदी
का
रंग
कभी
ना
छूटे
क्या
बात
है
अल्लाह
दुहाई
नजर
भर
आई
क्यूँ
थी
खातों
खातों
में
हो
रातों
में
फिर
नींद
कहाँ
आती
है?
जो
लग
जाती
है
महबूब
की
मेहंदी
हाथों
में
हो
रातों
में
महबूब
की
मेहंदी
हाथों
में
हो
रातों
में
महबूब
की
मेहंदी
हाथों
में
हो
रातों
में
महबूब
की
मेहंदी
हाथों
में
महबूब
की
मेहंदी
हाथों
में
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