Lyrics Suno Sunaoon Ek Kahani - Lata Mangeshkar
ये
कहानी
अपनी
समझो
या
बेगानी
सुनो,
सुनाऊँ
एक
कहानी
२०
बरस
हुए
एक
नगर
में
मुन्नी
आई
किसी
के
घर
में
झूले-झूली,
गोदों
खेली
नन्ही-मुन्नी,
वो
अलबेली
ठुमक-ठुमक
कर
आती-जाती
सारे
घर
को
नाच
नचाती
ठुमक-ठुमक
कर...
धीरे-धीरे
बचपन
बीता
धूम
मचाती
आई
जवानी,
आई
जवानी,
आई
जवानी
मस्त
जवानी
क्या-क्या
लाई
मस्ती
में
डूबी
अँगड़ाई
बात-बात
पर
शरमा
जाना
आँचल
दाँतों
तले
दबाना
बात-बात
पर...
बात-बात
पर
शरमा
जाना
आँचल
दाँतों
तले
दबाना
नए
नज़ारे,
नए
तराने,
नई
महफ़िलें,
नयी
कहानी
आई
जवानी,
आई
जवानी,
आई
जवानी
सुनो,
सुनाऊँ
नया
फ़साना
कली
बनी
जब
फूल
सुहाना
सुनो,
सुनाऊँ
नया
फ़साना
नयी
उमंगें
दिल
में
जागी
किसी
से
उसकी
अखियाँ
लागी,
अखियाँ
लागी,
अखियाँ
लागी
दिल
से
दिल
की
बात
हो
गई
खुशियों
की
बरसात
हो
गई
बनकर
बिगड़ा
खेल
सुहाना
दर्द
भरा
अब
सुनो
फ़साना
प्यार
भरे
दिल
मिल
सकते
थे
फूल
खुशी
के
खिल
सकते
थे
बीच-बहस
की
बात
आ
गई
डूब
गया
दिन,
रात
आ
गई
क़ीमत
२०
हज़ार
थी
वर
की
ख़तरे
में
इज़्ज़त
थी
घर
की
तुम
ही
कहो,
अबला
क्या
करती?
बेचारी,
बेचारी
जीती
या
मरती
इस
जीने
से
मरना
अच्छा
मौत
के
घाट
उतरना
अच्छा
दुनिया
वालों,
दुनिया
वालों
दिल
के
कालों,
अपने
ये
संताप
सँभालो
जिस
दुनिया
में
प्यार
नहीं
वो
मेरा
संसार
नहीं
Attention! Feel free to leave feedback.