Lata Mangeshkar - Woh Shaam Kuch Aajib Thi Lyrics

Lyrics Woh Shaam Kuch Aajib Thi - Lata Mangeshkar



वो शाम कुछ अजीब थीं
ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास पास थी
वो आज भी करीब है
वो शाम कुछ अजीब थी
ये शाम भी अजीब है
वह कल भी पास पास थी
वो आज भी करीब है
वो शाम कुछ अजीब थी
झुकी हुई निगाहों में
कहीं मेरा ख्याल था
दबी दबी हसी में
एक हसीन सा गुलाल था
मैं सोचता था मेरा नाम
गुनगुना रही है वो
मैं सोचता था मेरा नाम
गुनगुना रही है वो
ना जाने क्यों लगा मुझे
कि मुस्कुरा रही है वो
वो शाम कुछ अजीब थी
मेरा ख्याल है अजी
झुकी हुई निगाह में
खिली हुई हंसी भी हैं
दबी हुई थी चाह में
मैं जानता हूं मेरा नाम
गुनगुना रही है वो
मैं जानता हूं मेरा नाम
गुनगुना रही है वो
यही ख्याल है मुझे
कि साथ रही है वो
वो शाम कुछ अजीब थी
ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास थी
वो आज भी करीब है
वो शाम कुछ अजीब थी




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