Lyrics O Mehbooba - Mukesh
ओ,
महबूबा,
ओ,
महबूबा
तेरे
दिल
के
पास
ही
है
मेरी
मंज़िल-ए-मक़्सूद
तेरे
दिल
के
पास
ही
है
मेरी
मंज़िल-ए-मक़्सूद
वो
कौन
सी
महफ़िल
है
जहाँ
तू
नहीं
मौजूद?
वो
कौन
सी
महफ़िल
है
जहाँ
तू
नहीं
मौजूद?
ओ
महबूबा,
ओ,
महबूबा
तेरे
दिल
के
पास
ही
है
मेरी
मंज़िल-ए-मक़्सूद
तेरे
दिल
के
पास
ही
है
मेरी
मंज़िल-ए-मक़्सूद
किस
बात
पे
नाराज़
हो,
किस
बात
का
है
ग़म?
किस
सोच
में
डूबी
हो
तुम?
हो
जाएगा
संगम
किस
बात
पे
नाराज़
हो,
किस
बात
का
है
ग़म?
किस
सोच
में
डूबी
हो
तुम?
हो
जाएगा
संगम
ओ
महबूबा,
ओ
महबूबा
तेरे
दिल
के
पास
ही
है
मेरी
मंज़िल-ए-मक़्सूद
तेरे
दिल
के
पास
ही
है
मेरी
मंज़िल-ए-मक़्सूद
गुज़रूँ
मैं
इधर
से,
कभी
गुज़रूँ
मैं
उधर
से
मिलता
है
हर
इक
रास्ता
जा
कर
तेरे
घर
से
गुज़रूँ
में
इधर
से,
कभी
गुज़रूँ
मैं
उधर
से
मिलता
है
हर
इक
रास्ता
जा
कर
तेरे
घर
से
ओ
महबूबा,
ओ
महबूबा
तेरे
दिल
के
पास
ही
है
मेरी
मंज़िल-ए-मक़्सूद
तेरे
दिल
के
पास
ही
है
मेरी
मंज़िल-ए-मक़्सूद
बाँहों
के
तुझे
हार
मैं
पहनाऊँगा
इक
दिन
सब
देखते
रह
जाएंँगे,
ले
जाऊँगा
इक
दिन
बाँहों
के
तुझे
हार
मैं
पहनाऊँगा
इक
दिन
सब
देखते
रह
जाएँगे,
ले
जाऊँगा
इक
दिन
ओ
महबूबा,
ओ
महबूबा
तेरे
दिल
के
पास
ही
है
मेरी
मंज़िल-ए-मक़्सूद
वो
कौन
सी
महफ़िल
है
जहांँ
तू
नहीं
मौजूद?
ओ
महबूबा,
ओ
महबूबा
तेरे
दिल
के
पास
ही
है
मेरी
मंज़िल-ए-मक़्सूद
तेरे
दिल
के
पास
ही
है
मेरी
मंज़िल-ए-मक़्सूद
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