Lyrics Nazdeekiyaan - Neeti Mohan feat. Nikhil Paul George
रातों
के
जागे
सुबह
मिले
हैं
रेशम
के
धागे
ये
सिलसिले
हैं
लाज़मी
सी
लगने
लगी
है
दो
दिलों
की
अब
नज़दीकियां
हम्म
दिखती
नहीं
है
पर
हो
रही
हैं
महसूस
नज़दीकियां
दो
दिल
ही
जाने
लगती
हैं
कितनी
मेहफ़ूज़
नज़दीकियां
ज़रिया
हैं
ये
आखें
ज़रिया
छलकता
है
जिनसे
एक
अरमानों
का
दरिया
आदतें
है
इनकी
पुरानी
अनकही
सी
कह
दे
कहानी
परछाइयाँ
दो
जुड़ने
लगी
हैं
देखो
हवा
में
उड़ने
लगी
हैं
पंख
जैसी
लगने
लगी
है
दो
दिलों
की
अब
नज़दीकियां
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