Lyrics Ajeeb Dastan Hai Yeh (Short Version) - Nitin Mukesh
जो
बाग़बाँ
ना
रख
सके,
चमन
को
ख़ुद
संभाल
के
जो
बाग़बाँ
ना
रख
सके,
चमन
को
ख़ुद
संभाल
के
बिखर
ही
जाएँ
आँधियों
में
फूल
ऐसी
डाल
के
पत्ता-पत्ता
जल
जाए...
पत्ता-पत्ता
जल
जाए,
हो
जाए
राख
हर
कली
अजीब
दास्ताँ
है
ये,
अजीब
दास्ताँ
है
ये
है
जिसका
नाम
ज़िंदगी,
है
जिसका
नाम
ज़िंदगी
कभी
मचलता
गीत
है,
कभी
है
ग़म
की
शायरी
अजीब
दास्ताँ
है
ये,
अजीब
दास्ताँ
है
ये
Attention! Feel free to leave feedback.