Papon - Main to Chalta Hi Rahaa Lyrics

Lyrics Main to Chalta Hi Rahaa - Papon




मैं तो चलता ही रहा रस्ता मुझे मिलता ही गया
मैं तो चलता ही रहा रस्ता मुझे मिलता ही गया
कुछ हाथ देके भी खींचे चले थे
कुछ साथ होके भी पीछे पड़े थे
मैं संभलता ही रहा रस्ता मुझे मिलता ही गया
इक गाओं ऐसा आया रे बंधुआ
प्यासे पड़े थे बड़े
कल से थे सूखे कुआँ था अंधा
पानी चढ़े ना पड़े
कौवे ने कहीं से पत्थर जुटा के
चोंच भर-भर के कुवे में फेंके
गाओं फिर छलकता ही रहा
इक शहर में माया और मुक्ति लुभाती थी वो बड़ी
इक शहर में माया और मुक्ति लुभाती थी वो बड़ी
सज धज के चौखट पे यूं मायुस दोनो थी खड़ी
मुक्ति की माया मे गोल गोल घुमे कभी
माया से मुक्ति की धाक ढोल बजे कभी
दोनो ना पल्ले पड़े
मैं क्या जानू रे शातिर हैं दोनो
इक बिन दूजी ना लड़े
माया और मुक्ति का मैने शहर छोडा रे
बाहर ही मिली शांति, मैं उसी का हुआ रे
मैं चलता ही रहा रस्ता मुझे मिलता ही गया
मैं चलता ही रहा रस्ता मुझे मिलता ही गया
कुछ हाथ देके भी खींचे चले थे
कुछ साथ होके भी पीछे पड़े थे
मैं संभलता ही रहा ओर रस्ता मुझे मिलता ही गया
मैं चलता ही रहा रस्ता मुझे मिलता ही गया



Writer(s): PROTIQE MAZOOMDAR, PAPON



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