Lyrics Tak Taki - Pratibha Singh Baghel
हिलमिल
गाओ,
मिलजुल
गाओ
मंगल
बेला
आई
रे
अंगना
में
गूँजे
तोतली
बोली
सब
मिल
गाओ
बधाई
रे
हिलमिल
गाओ,
मिलजुल
गाओ
मंगल
बेला
आई
रे
अंगना
में
गूँजे
तोतली
बोली
सब
मिल
गाओ
बधाई
रे
टक-टकी
निहारूँ
रे
टक-टकी
निहारूँ
रे,
बाट
तकूँ
तेरी
रास्ता
सवारूँ
रे,
राह
देखूँ
तेरी
रिश्ता
है
मुझसे
सच्चा
तेरा
फिर
भी
क्यूँ
डर
जाए
मन
ये
मेरा?
नैन
बिछे,
राह
सजी
अब
आजा
द्वारे
तू
अब
ना
कर
देरी
आजा
रे
टक-टकी
निहारूँ
रे
हर
आहट
कान
धरूँ,
अब
आए,
तब
आए
फूलों
की
हर
क्यारी,
किलकारी
सी
गाए
जानती
हूँ
आएगा
तू,
खुशियाँ
बरसाएगा
तू
फिर
भी
क्यूँ
सहमा
है
ये
सवेरा?
रिश्ता
है
मुझसे
सच्चा
तेरा
फिर
भी
क्यूँ
डर
जाए
मन
ये
मेरा?
नैन
बिछे,
राह
सजी
सूरज
के
संग
क्यूँ
है
रात
अंधेरी?
आजा
रे
चंदा
में
छव
तेरी
मुझको
दिख
जाए
तेरा
ही
संदेशा
एक
हवा
भी
लाए
सब
कुछ
धुला-धुला
है
आसमाँ
खुला-खुला
है
फिर
भी
क्यूँ
इक
बादल
डाले
है
डेरा?
रिश्ता
है
मुझसे
सच्चा
तेरा
फिर
भी
क्यूँ
डर
जाए
मन
ये
मेरा?
नैन
बिछे,
राह
सजी
हो
तुझसे
जुड़ी
है
अब
साँसे
भी
मेरी
आजा
रे
आजा
रे
आजा
रे
आजा
रे
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