Lyrics Sonchiraiya - Rekha Bhardwaj
सोनचिरैया,
सोनचिरैया
सोनचिरैया,
सोनचिरैया
नैना
में
वाके
१००
तंतर
क्षन
में
हो
जावे
छू
मंतर
नैना
में
वाके
१००
तंतर
क्षन
में
हो
जावे
छू
मंतर
खेतों
पे
तैरे
जो
नैय्या
सोनचिरैया,
सोनचिरैया
सोनचिरैया,
सोनचिरैया
नभ
को
ना
भी
छुपाएँ,
मुक्ति
पंखों
उठाएँ
नभ
को
ना
भी
छुपाएँ,
मुक्ति
पंखों
उठाएँ
रैना
भस्म
करे,
यूँ
तिलस्व
करे
चले
उलटा
समय
का
दुपहिया
सोनचिरैया,
सोनचिरैया
सोनचिरैया,
सोनचिरैया
फूटे
मोती
बिने
हैं,
काले
काज
गिने
हैं
फूटे
मोती
बिने
हैं,
काले
काज
गिने
हैं
नहीं
हाथ
लागे,
भले
घात
लगावे
कोई
बाग़ी
या
कोई
सिपहिया
सोनचिरैया,
सोनचिरैया
सोनचिरैया,
सोनचिरैया
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