Lyrics Khushi Jab Bhi Teri - Jubin Nautiyal , Rochak Kohli
सारी
गलियाँ
तेरी
जगमगा
दूँगा
मैं
हर
सुबह
तेरी
ख़ुद
को
बना
दूँगा
मैं
सारी
गलियाँ
तेरी
जगमगा
दूँगा
मैं
हर
सुबह
तेरी
ख़ुद
को
बना
दूँगा
मैं
तू
चलेगी
जो
घर
से
निकल
के
कहीं
तो
रस्ते
में
ख़ुद
को
बिछा
दूँगा
मैं
ख़ुदा
जाने
मुझमें
तू
क्या
देखती
है
मैं
तुझमें
ख़ुदा
का
करम
देखता
हूँ
ख़ुशी
जब
भी
तेरी...
ओ,
ख़ुशी
जब
भी
तेरी
मैं
कम
देखता
हूँ
ख़ुशी
जब
भी
तेरी
मैं
कम
देखता
हूँ
तो
फिर
मैं
कहाँ
अपने
ग़म
देखता
हूँ
ख़ुशी
जब
भी
तेरी
मैं
कम
देखता
हूँ
तो
फिर
मैं
कहाँ
अपने
ग़म
देखता
हूँ
कई
रोज़
तक
पानी
पीता
नहीं
फिर
हो,
कई
रोज़
तक
पानी
पीता
नहीं
फिर
मैं
जब
तेरी
आँखों
को
नम
देखता
हूँ
ख़ुशी
जब
भी
तेरी...
हो,
तू
देखे,
ना
देखे,
हमें
ग़म
नहीं
मगर
तुझको
देखे
बिना
हम
नहीं
तू
देखे,
ना
देखे,
हमें
ग़म
नहीं
मगर
तुझको
देखे
बिना
हम
नहीं
ख़यालों
में
हर
पल
ही
रहता
है
तू
ये
रहने
को
ज़िंदा
हमें
कम
नहीं
तेरे
साथ
के
एक
लम्हे
में
भी
मैं
तेरे
साथ
के
१००
जनम
देखता
हूँ
ख़ुशी
जब
भी...
तुझको
किया
याद,
दुनिया
भुलाई
है
सीने
में
ऐसी
लगन
एक
लगाई
है
तेरी
तनहाई
मेरी
जान
पे
बन
आई
है
मिलने
की
माँगूँ
दुआ,
मिलने
की
माँगूँ
दुआ
नज़र
भर
के
जब
देखता
हूँ
तुझे
मैं
तो
ज़ख्मों
पे
दिल
के
मरहम
देखता
हूँ
ख़ुशी
जब
भी
तेरी
मैं
कम
देखता
हूँ
तो
फिर
मैं
कहाँ
अपने
ग़म
देखता
हूँ
ख़ुशी
जब
भी
तेरी
मैं
कम
देखता
हूँ
तो
फिर
मैं
कहाँ
अपने
ग़म
देखता
हूँ
ख़ुशी
जब
भी
तेरी...
ख़ुशी
जब
भी
तेरी...
ख़ुशी
जब
भी
तेरी...
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