S. P. Balasubrahmanyam feat. K. S. Chithra - Roop Suhana Lagta Hai Lyrics

Lyrics Roop Suhana Lagta Hai - S. P. Balasubrahmanyam , K. S. Chithra




रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ, जानम
रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ, जानम
ओ, तू भी क्या चीज़ है, हर दिल अज़ीज़ है
दिल चाहे देखे तुझे हम हर दम
तू भी क्या चीज़ है, हर दिल अज़ीज़ है
दिल चाहे देखे तुझे हम हर दम
रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ, जानम
रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ, जानम
मैं दीवाना, आवारा, पागल, गलियों में फिरता हूँ मैं मारा मारा
हो, मैं दीवाना, आवारा, पागल, गलियों में फिरता हूँ मैं मारा मारा
महलों की तू रहने वाली, कैसे बनूँगा तेरा सहारा?
फिर भी ना जाने, दिल क्यूँ ना माने?
हर दिन, हर पल तुझको पुकारे
रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ, जानम
अरे, रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ, जानम
हो, तू भी क्या चीज़ है, हर दिल अज़ीज़ है
दिल चाहे देखे तुझे हम हर दम
रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ, जानम
हे, रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ, जानम
महलों की क्या है मुझको ज़रुरत, मैं तो तेरे दिल में रहूँगी
फूलों पे संग-संग सब चलते हैं, काँटों में तेरे संग चलूंगी
होने लगा तू साँसों मैं शामिल, जीना है बस मुझे तेरे सहारे
रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ, जानम
रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ, जानम
हो, तू भी क्या चीज़ है, हर दिल अज़ीज़ है
दिल चाहे देखे तुझे हम हर दम
तू भी क्या चीज़ है, हर दिल अज़ीज़ है
दिल चाहे देखे तुझे हम हर दम
रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ, जानम
रूप सुहाना लगता है, चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ, जानम



Writer(s): Anu Malik, Indeewar


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