Lyrics Dil Uda Patanga - Parampara Thakur , Sachet Tandon
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बारिशों
में
आज
क्या
है
बाघी
धड़कने
हैं
राज़
क्या
है
मीठा
क्यों
चंदा
दिल
उदा
पतंगा
दिल
उदा
पतंगा
दिल
उदा
पतंगा
कैसी
ख़्वाहिशें
हैं
क्या
खला
है
नींदें
रात
से
क्यों
लापता
है
तारे
आसमान
से
क्यों
खफा
है
लम्हा
वक़्त
का
बेस्वाद
सा
है
सब
क्यों
बेरंगा
ना
किसी
का
सांग,
ना
किसी
का
सांग
मैं
क्यों
बेरंगा
दिल
उदा
पतंगा
दिल
उदा
पतंगा
दिल
उदा
पतंगा
ऐसी
खामोशी
का
राज़
क्या
है
चुभती
सार्ड
सी
है
क्यों
हवा
यह
ढूंढें
बेवजह
मन
क्यों
वजह
यह
बाँधे
हसरतों
के
क्यों
ये
धागे
धागा
सतरंगा
ना
किसी
का
सांग,
ना
किसी
का
सांग
मैं
क्यों
बेरंगा
दिल
उदा
पतंगा
दिल
उदा
पतंगा
दिल
उदा
पतंगा
इस
शहर
दी
शहर
सोहनी
लगदी
होई
ख़यालान्च
रात
साडी
लगदी
हुन
मुखड़े
ते
रौनक
जेहि
रेहन्दी
होई
पूछन
सखियाँ
कुछ
में
कुछ
केहन्दी
यारी
लायी
वे
में
ता
पहली
वारी
ओहनू
सोचन
घंटे
विच
दस
दस
वारी
पूछे
जे
कोई
हाल
मैं
केहन्दी
सोहना
यार
मेरा
कित्थे
वे
सोहना
यार
मेरा
यादान
विच
रंगा
दिल
उदा
पतंगा
दिल
उदा
पतंगा
दिल
उदा
पतंगा
दिल
उदा
पतंगा
दिल
उदा
पतंगा
दिल
उदा
पतंगा
दिल
उदा
पतंगा
दिल
उदा
पतंगा
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