Lyrics Kahin Door - Sanam
कहीं
दूर
जब
दिन
ढल
जाए
साँझ
की
दुल्हन
बदन
चुराए
चुपके
से
आये
मेरे
ख्यालों
के
आँगन
में
कोई
सपनों
के
दीप
जलाये
दीप
जलाये
कहीं
दूर
जब
दिन
ढल
जाए
साँझ
की
दुल्हन
बदन
चुराए
चुपके
से
आये
कभी
यूँ
ही
जब
हुई
बोझल
साँसें
भर
आई
बैठे
बैठे
जब
यूँ
ही
आँखें
कभी
यूँ
ही
जब
हुई
बोझल
साँसें
भर
आई
बैठे
बैठे
जब
यूँ
ही
आँखें
तभी
मचल
के
प्यार
से
चल
के
छुए
कोई
मुझे
पर
नज़र
ना
आये
नज़र
ना
आये
कहीं
दूर
जब
दिन
ढल
जाए
साँझ
की
दुल्हन
बदन
चुराए
चुपके
से
आये
कहीं
तो
ये
दिल
कभी
मिल
नहीं
पाते
कहीं
से
निकल
आये
जन्मों
के
नाते
कहीं
तो
ये
दिल
कभी
मिल
नहीं
पाते
कहीं
से
निकल
आये
जन्मों
के
नाते
है
मीठी
उलझन
बैरी
अपना
मन
अपना
ही
होके
सहे
दर्द
पराये,
दर्द
पराये
कहीं
दूर
जब
दिन
ढल
जाए
साँझ
की
दुल्हन
बदन
चुराए
चुपके
से
आये
मेरे
ख्यालों
के
आँगन
में
कोई
सपनों
के
दीप
जलाये,
दीप
जलाये
कहीं
दूर
जब
दिन
ढल
जाए
साँझ
की
दुल्हन
बदन
चुराए
चुपके
से
आये
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