Siddart Basrur - Phir Se Udd Chala Lyrics

Lyrics Phir Se Udd Chala - Siddart Basrur




चौखट पे है ज़िन्दगी आयी अभी
खड़ी बाहर है, आए भीतर क्यूँ नहीं?
ताले हैं लगे, चाबियाँ ढूँढ ले
क़ैद ख़्वाबों को तू खोल के छोड़ यूँ उड़ने दे
चेहरा उसका देखेंगे, खुद ही जीने लगेंगे
उठ के बिस्तर से ये भागेंगे
सपने जो सिलवटों में चादर की बाहें थामे
लेटे हैं, आसमाँ चूमेंगे, hey
फिर, दिल फिर से उड़ चला, ये उड़ चला, ये मनचला
फिर, दिल फिर से उड़ चला, ये उड़ चला, ये मनचला
डरा हुआ, जकड़ा हुआ, सहमा हुआ
गहमा हुआ, गहरा हुआ, बिख़रा हुआ
फिर, दिल फिर से उड़ चला, ये उड़ चला, ये मनचला
फिर, दिल फिर से उड़ चला, ये उड़ चला, ये मनचला
डरा हुआ, जकड़ा हुआ, सहमा हुआ
गहमा हुआ, गहरा हुआ, बिख़रा हुआ
ज़िंदा हूँ ये साँसें गई खुद से ही
काँधे पे टाँगी ख्वाहिशें लेकर चली
जूते हैं वहीं, गलियाँ पर अजनबी
डर नहीं अब इन्हें खुद में जो मस्त ये बढ़ने दे
छू ने आज़ादियों को घर से निकली है अब जो
जाने दे जहाँ जा रही है
देखेगी ज़िन्दगी तो बोलेगी आजा दोनों
सोचे ना क्या ग़लत-सही हैं, hey
फिर, दिल फिर से उड़ चला, ये उड़ चला, ये मनचला
फिर, दिल फिर से उड़ चला, ये उड़ चला, ये मनचला
डरा हुआ, जकड़ा हुआ, सहमा हुआ
गहमा हुआ, गहरा हुआ, बिख़रा हुआ
(फिर, दिल फिर से उड़ चला, ये उड़ चला, ये मनचला)
(फिर, दिल फिर से उड़ चला, ये उड़ चला, ये मनचला)
(डरा हुआ, जकड़ा हुआ, सहमा हुआ)
(गहमा हुआ, गहरा हुआ, बिख़रा हुआ)



Writer(s): Siddhant Kaushal, Adam Avil, Eddie Avil


Siddart Basrur - Sunshine Music Tours & Travels (Original Motion Picture Soundtrack) - EP



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