Lyrics Satrangi Re - Kavita Krishnamurthy , Sonu Nigam
तू
ही
तू,
तू
ही
तू
सतरंगी
रे
तू
ही
तू,
तू
ही
तू
मनरंगी
रे
तू
ही
तू,
तू
ही
तू
सतरंगी
रे
तू
ही
तू,
तू
ही
तू
मनरंगी
रे
दिल
का
साया
हमसाया
सतरंगी
रे,
मनरंगी
रे
कोई
नूर
है
तू,
क्यों
दूर
है
तू
जब
पास
है
तू,
एहसास
है
तू
कोई
ख्वाब
है
या
परछाई
है
सतरंगी
रे,
सतरंगी
रे
इस
बार
बता,
मुंहज़ोर
हवा,
ठहरेगी
कहाँ
इश्क़
पर
ज़ोर
नहीं
है
ये
वो
आतिश
ग़ालिब
जो
लगाये
न
लगे
और
बुझाये
न
बने
जो
लगाये
न
लगे
और
बुझाये
न
बने
इश्क़
पर
ज़ोर
नहीं
है
ये
वो
आतिश
ग़ालिब
आँखों
ने
कुछ
ऐसे
छुआ
हल्का
हल्का
उन्स
हुआ
हल्का
हल्का
उन्स
हुआ
दिल
को
महसूस
हुआ
तू
ही
तू,
तू
ही
तू,
जीने
की
सारी
खुशबू
तू
ही
तू,
तू
ही
तू,
आरज़ू,
आरज़ू
तेरी
जिस्म
की
आँच
को
छूते
ही
मेरे
साँस
सुलगने
लगते
हैं
मुझे
इश्क़
दिलासे
देता
है
मेरे
दर्द
बिलखने
लगते
हैं
तू
ही
तू,
तू
ही
तू,
जीने
की
सारी
खुश्बू
तू
ही
तू,
तू
ही
तू,
आरज़ू
आरज़ू
छूती
है
मुझे
सरगोशी
से
आँखों
में
घुली
खामोशी
से
मैं
फ़र्श
पे
सजदे
करता
हूँ
कुछ
होश
में,
कुछ
बेहोशी
से
दिल
का
साया
हमसाया
सतरंगी
रे,
सतरंगी
रे
कोई
नूर
है
तू,
क्यों
दूर
है
तू
जब
पास
है
तू,
एहसास
है
तू
कोई
ख्वाब
है
या
परछाई
है
तेरी
राहों
में
उलझा-उलझा
हूँ
तेरी
बाहों
में
उलझा-उलझा
सुलझाने
दे
होश
मुझे
तेरी
चाहों
में
उलझा
हूँ
तेरी
राहों
में
उलझा-उलझा
हूँ
तेरी
बाहों
में
उलझा-उलझा
सुलझाने
दे
होश
मुझे
तेरी
चाहों
में
उलझा
हूँ
मेरा
जीना
जुनूँ,
मेरा
मरना
जुनूँ
अब
इसके
सिवा
नहीं
कोई
सुकूँ
मेरा
जीना
जुनूँ,
मेरा
मरना
जुनूँ
अब
इसके
सिवा
नहीं
कोई
सुकूँ
मेरा
जीना
जुनूँ,
मेरा
मरना
जुनूँ
तू
ही
तू,
तू
ही
तू
सतरंगी
रे
तू
ही
तू,
तू
ही
तू
मनरंगी
रे
तू
ही
तू,
तू
ही
तू
सतरंगी
रे
तू
ही
तू,
तू
ही
तू
मनरंगी
रे
इश्क़
पर
ज़ोर
नहीं
है
ये
वो
आतिश
ग़ालिब
जो
लगाये
न
लगे
और
बुझाये
न
बने
जो
लगाये
न
लगे
और
बुझाये
न
बने
इश्क़
पर
ज़ोर
नहीं
है
ये
वो
आतिश
ग़ालिब
मुझे
मौत
की
गोद
में
सोने
दे
मुझे
मौत
की
गोद
में
सोने
दे
मुझे
मौत
की
गोद
में
सोने
दे
तेरी
रूह
में
जिस्म
डबोने
दे
तेरी
रूह
में
जिस्म
डबोने
दे
सतरंगी
रे,
मनरंगी
रे
सतरंगी
रे,
मनरंगी
रे
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