Sonu Nigam - Dheere Jalna Lyrics

Lyrics Dheere Jalna - Sonu Nigam




धीरे जलना, धीरे जलना, धीरे जलना
ज़िन्दगी की लौ पे जलना
धीरे धीरे धीरे धीरे धीरे जलना
ज़िन्दगी की लौ पे जलना
कांच का सपना, गल ही जाए
सोच समझ के आंच रखना
धीरे जलना, धीरे जलना, धीरे जलना
धीरे जलना, धीरे जलना, धीरे जलना
धीरे धीरे धीरे धीरे धीरे जलना
होना है जो होना है वो होने से तो रुकता नहीं
आसमान तो झुकता नहीं
धीरे जलना, धीरे जलना, धीरे जलना
ज़िन्दगी की लौ पे जलना
तेरे रूप की हलकी धूप में दो ही पल हैं, जीने हैं
तेरी आँख में देख चुका हूँ वो सपने हैं, सीने हैं
आँखों में सपनों की किरचें हैं, चुभती हैं
धीरे जलना, धीरे जलना, धीरे जलना
धीरे धीरे धीरे धीरे धीरे जलना
होना है जो होना है वो होने से तो रुकता नहीं
आसमान तो झुकता नहीं
धीरे जलना, धीरे जलना, धीरे जलना
ज़िन्दगी की लौ पे जलना
धीरे धीरे ... हम्म.जलना
सोचा ना था, ज़िन्दगी ऐसे फिर से मिलेगी जीने के लिए
आँखों को प्यास लगेगी, अपने ही आंसू पीने के लिए
धीरे धीरे धीरे धीरे धीरे जलना
ज़िन्दगी की लौ पे जलना
धीरे जलना, धीरे जलना, धीरे जलना
ज़िन्दगी की लौ पे जलना
कांच का सपना, गल ही जाए
सोच समझ के आंच रखना
धीरे जलना, धीरे जलना, धीरे जलना




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