Talat Mahmood - Ankhon Men Masti Sharab Ki Lyrics

Lyrics Ankhon Men Masti Sharab Ki - Talat Mahmood




आँखों में मस्ती शराब की
काली ज़ुल्फ़ों में रातें शबाब की
जाने आई कहाँ से टूट के
मेरे दामन में पंखुड़ी गुलाब की
हाए, आँखों में मस्ती शराब की
काली ज़ुल्फ़ों में रातें शबाब की
जाने आई कहाँ से टूट के
मेरे दामन में पंखुड़ी गुलाब की
हाए, आँखों में मस्ती शराब की
चाँद का टुकड़ा कहूँ या हुस्न की दुनिया कहूँ?
चाँद का टुकड़ा कहूँ या हुस्न की दुनिया कहूँ?
प्रीत की सरगम कहूँ या प्यार का सपना कहूँ?
सोचता हूँ, क्या कहूँ...
सोचता हूँ, क्या कहूँ, इस शोख़ को मैं क्या कहूँ?
आँखों में मस्ती शराब की
काली ज़ुल्फ़ों में रातें शबाब की
जाने आई कहाँ से टूट के
मेरे दामन में पंखुड़ी गुलाब की
हाए, आँखों में मस्ती शराब की
चाल कहती है ना हो पहली घटा बरसात की
चाल कहती है ना हो पहली घटा बरसात की
हर अदा अपनी जगह, तारीफ़ हो किस बात की?
आरज़ू कितने दिनों से...
आरज़ू कितने दिनों से थी हमें इस रात की?
आँखों में मस्ती शराब की
काली ज़ुल्फ़ों में रातें शबाब की
जाने आई कहाँ से टूट के
मेरे दामन में पंखुड़ी गुलाब की
हाए, आँखों में मस्ती शराब की



Writer(s): Rajinder Krishan, Salil Choudhury


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