Lyrics Shiva Tandava Stotram - Uma Mohan
जटाटवी
गलज्जल
प्रवाह
पावित
स्थले
गलेऽव
लम्ब्य
लम्बितां
भुजंग
तुंग
मालिकाम्
डमड्डमड्डमड्डम
न्निनादव
ड्डमर्वयं
चकार
चण्ड्ताण्डवं
तनोतु
नः
शिवः
शिवम्
जटा
कटा
हसं
भ्रमभ्रमन्नि
लिम्प
निर्झरी
विलोलवी
चिवल्लरी
विराजमान
मूर्धनि
धगद्धगद्धग
ज्ज्वल
ल्ललाट
पट्ट
पावके
किशोरचन्द्रशेखरे
रतिः
प्रतिक्षणं
मम
धरा
धरेन्द्र
नंदिनीविलास
बन्धु
बन्धुर
स्फुर
द्दिगन्त
सन्ततिप्रमोद
मान
मानसे
कृपा
कटाक्ष
धोरणी
निरुद्ध
दुर्धरापदि
क्वचि
द्दिगम्बरे
मनो
विनोदमेतु
वस्तुनि
जटा
भुजंग
पिंगल
स्फुरत्फणा
मणिप्रभा
कदम्ब
कुंकुम
द्रवप्रलिप्त
दिग्व
धूमुखे
मदान्ध
सिन्धुर
स्फुरत्त्व
गुत्तरी
यमे
दुरे
मनो
विनोदमद्भुतं
बिभर्तु
भूतभर्तरि
ॐ
नमः
शिवाय
सदा
शिवम्
भजाम्यहम्
सदा
शिवम्
भजाम्यहम्
ॐ
नमः
शिवाय
सहस्रलोचनप्रभृत्य
शेष
लेख
शेखर
प्रसून
धूलि
धोरणी
विधू
सरांघ्रि
पीठभूः
भुजंगराज
मालया
निबद्ध
जाटजूटक:
श्रियै
चिराय
जायतां
चकोर
बन्धु
शेखरः
ललाट
चत्वर
ज्वलद्धनंजय
स्फुलिंगभा
निपीत
पंच
सायकं
नमन्नि
लिम्प
नायकम्
सुधा
मयूख
लेखया
विराजमान
शेखरं
महाकपालि
सम्पदे
शिरो
जटाल
मस्तुनः
कराल
भाल
पट्टिका
धगद्धगद्धग
ज्ज्वल
द्धनंज
याहुतीकृत
प्रचण्डपंच
सायके
धरा
धरेन्द्र
नन्दिनी
कुचाग्रचित्र
पत्रक
प्रकल्प
नैकशिल्पिनि
त्रिलोचने
रतिर्मम
नवीन
मेघ
मण्डली
निरुद्ध
दुर्धर
स्फुरत्
कुहू
निशी
थिनी
तमः
प्रबन्ध
बद्ध
कन्धरः
निलिम्प
निर्झरी
धरस्त
नोतु
कृत्ति
सिन्धुरः
कला
निधान
बन्धुरः
श्रियं
जगद्धुरंधरः
ॐ...
प्रफुल्ल
नीलपंकज
प्रपंच
कालिमप्रभा
वलम्बि
कण्ठ
कन्दली
रुचिप्रबद्ध
कन्धरम्
स्मरच्छिदं
पुरच्छिदं
भवच्छिदं
मखच्छिदं
गजच्छिदांधकछिदं
तमंतक
च्छिदं
भजे
अखर्वसर्व
मंग
लाकला
कदंबमंजरी
रस
प्रवाह
माधुरी
विजृंभणा
मधुव्रतम्
स्मरान्तकं
पुरान्तकं
भवान्तकं
मखान्तकं
गजान्त
कान्ध
कान्तकं
तमन्तकान्तकं
भजे
ॐ
जयत्व
दभ्र
विभ्र
म
भ्रमद्भुजंग
मश्वस
द्विनिर्गमत्क्रम
स्फुरत्कराल
भाल
हव्यवाट्
धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदंग
तुंग
मंगल
ध्वनि
क्रम
प्रवर्तित
प्रचण्डताण्डवः
शिवः
दृष
द्विचित्र
तल्पयोर्भुजंग
मौक्तिकस्रजोर्
गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः
सुहृद्वि
पक्षपक्षयोः
तृणार
विन्द
चक्षुषोः
प्रजा
मही
महेन्द्रयोः
समप्रवृतिकः
कदा
सदाशिवं
भजाम्यहम्
कदा
निलिम्प
निर्झरीनिकुंज
कोटरे
वसन्
विमुक्त
दुर्मतिः
सदा
शिरःस्थ
मंजलिं
वहन्
विलोल
लोल
लोचनो
ललाम
भाललग्नकः
शिवेति
मंत्र
मुच्चरन्
कदा
सुखी
भवाम्यहम्
इमम
ही
नित्यमेव
मुक्तमुत्तमोत्तमं
स्तवं
पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो
विशुद्धि
मेति
संततम्
हरे
गुरौ
सुभक्तिमा
शुयातिना
न्यथा
गतिं
विमोहनं
हि
देहिनां
सुशंकरस्य
चिंतनम्
विमोहनं
हि
देहिनां
सुशंकरस्य
चिंतनम्
ॐ

1 Palna Jhule Re Nandlaal
2 Daiya Ri Mohe Bhigoya Ri
3 Pashunaam Patim
4 Devraj Sevyamaan
5 Mere To Giridhar Gopal
6 Shiva Tandava Stotram
7 Narayana Ashtaaksharamantra
8 Shri Venkatesha Stotram
9 Chandrashekhar Ashtakam
10 Aum
11 Eko Devaha
12 Mahalakshmi Suktam
13 Durga Sooktam
14 Acharya Devo Bhava Acharya Upadesha Shis
15 Kamadeva
16 Chori Chori Maakhan
17 Chal Brindavan
18 Mohan Shyama Amrit Nandan
19 Kasturi Shyama Man Moha Lioy
20 Shree Lakshmisehastranaam Stotram
21 Lakshmi Aarti
22 Kahe Tune Jhooti Mose Preet Lagayi
23 Aarti
24 Krishna Kripa Kataksh Stotram
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