Lyrics Womaniya - Vishal Dadlani , Vishal Mishra
जय
हनुमान
ज्ञान
गुन
सागर
जय
कपीस
तिहुँ
लोक
उजागर
जय
हनुमान
ज्ञान
गुन
सागर
जय
कपीस
तिहुँ
लोक
उजागर
देखेगी
ये
दुनिया
ये
वुमनिया
जय
हनुमान
ज्ञान
गुन
सागर
जय
कपीस
तिहुँ
लोक
उजागर
देखेगी
ये
दुनिया
ये
वुमनिया
जब
भी
ये
निकल
जाए,
सूरज
भी
पिघल
जाए
आसमाँ
को
नीचे
दे
झुका
अपने
पे
आए
अगर,
पत्थर
तितर-बितर
किसी
का
भी
तोड़े
ये
गुमाँ
धुनकी
धुआँधार
हो,
ज़िद
अगर
सवार
हो
तेरे
जैसी
ताकत
देखो
यहाँ
किसी
और
में
कहाँ
जय
हनुमान
ज्ञान
गुन
सागर
जय
कपीस
तिहुँ
लोक
उजागर
देखेगी
ये
दुनिया
ये
वुमनिया
लिख
दे
नयी
कहानी
अब
तू
तेरी
ज़ुबानी
भूल
के
बातें
पुरानी
के
कैसे
किसी
ने
कब
था
क्या
कहा
हो,
लिख
दे
नयी
कहानी
अब
तू
तेरी
ज़ुबानी
भूल
के
बातें
पुरानी
के
कैसे
किसी
ने
कब
था
क्या
कहा
रोके
गाँव-जवारी,
पर
तेरी
ज़िद
करारी
टूटी
चारदीवारी
तो
चल
पड़ी
है
एक
नयी
हवा
सदाबहार
है,
तू
सबसे
चमकदार
है
तेरी
रोशनी
में
लग
रहा
है
अब
जवाँ-जवाँ
जहाँ
जय
हनुमान
ज्ञान
गुन
सागर
जय
कपीस
तिहुँ
लोक
उजागर
जय
हनुमान
ज्ञान
गुन
सागर
जय
कपीस
तिहुँ
लोक
उजागर
देखेगी
ये
दुनिया
ये
वुमनिया
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