paroles de chanson Maiya Mori Main Nahin Maakhan Khayo - Anup Jalota
मैया
मोरी
मैं
नहिं
माखन
खायो
|
भोर
भयो
गैयन
के
पाछे,
मधुवन
मोहिं
पठायो
।
चार
पहर
बंसीबट
भटक्यो,
साँझ
परे
घर
आयो
॥
मैं
बालक
बहिंयन
को
छोटो,
छींको
किहि
बिधि
पायो
।
ग्वाल
बाल
सब
बैर
परे
हैं,
बरबस
मुख
लपटायो
॥
तू
जननी
मन
की
अति
भोरी,
इनके
कहे
पतिआयो
।
जिय
तेरे
कछु
भेद
उपजि
है,
जानि
परायो
जायो
॥
यह
लै
अपनी
लकुटि
कमरिया,
बहुतहिं
नाच
नचायो
।
'सूरदास'
तब
बिहँसि
जसोदा,
लै
उर
कंठ
लगायो
॥
End
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