Jagjit Singh - Dekhna Jazba-E-Mohabbat Ka Asar paroles de chanson

paroles de chanson Dekhna Jazba-E-Mohabbat Ka Asar - Jagjit Singh



देखना जज़्ब-ए-मोहब्बत का असर आज की रात
देखना जज़्ब-ए-मोहब्बत का असर आज की रात
मेरे शाने पे है उस शोख़ का सर आज की रात
नूर ही नूर है किस सिम्त उठाऊँ आँखें
नूर ही नूर है किस सिम्त उठाऊँ आँखें
हुस्न ही हुस्न है ता-हद्द-ए-नज़र आज की रात
हुस्न ही हुस्न है
नग़मा-ओ-मय का ये तूफ़ान-ए-तरब क्या कहना
नग़मा-ओ-मय का ये तूफ़ान-ए-तरब क्या कहना
मेरा घर बन गया ख़य्याम का घर आज की रात
मेरा घर बन गया ख़य्याम का घर आज की रात
देखना जज़्ब-ए-मोहब्बत का असर आज की रात
मेरे शाने पे है उस शोख़ का सर आज की रात
नर्गिस-ए-नाज़ में वो नींद का हल्क़ा सा ख़ुमार
नर्गिस-ए-नाज़ में वो नींद का हल्क़ा सा ख़ुमार
वो मेरे नग़्मा-ए-शीरीं का असर आज की रात
वो मेरे नग़्मा-ए-शीरीं का असर आज की रात
देखना जज़्ब-ए-मोहब्बत का असर आज की रात
मेरे शाने पे है उस शोख़ का सर आज की रात



Writer(s): Majaz, Jagjit Singh


Jagjit Singh - kehkashan Vol 2




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