Kailash Kher - Adiyogi The Source of Yoga paroles de chanson

paroles de chanson Adiyogi The Source of Yoga - Kailash Kher



दूर उस आकाश की गहराइयों में
इक नदी से बह रहे हैं आदियोगी
शून्य सन्नाटे टपकते जा रहे हैं
मौन से सब कह रहे हैं आदियोगी
योग के इस स्पर्श से अब
योगमय करना है तन मन
सांस शाश्वत सनन सननन
प्राण गुंजन घनन घननन
उतरे मुझ में आदियोगी
योग धारा छलक छनछन
सांस शाश्वत सनन सननन
प्राण गुंजन घनन घननन
उतरे मुझ में आदियोगी
उतरे मुझ में आदियोगी
पीस दो अस्तित्व मेरा
और कर दो चूरा चूरा
पूर्ण होने दो मुझे और
होने दो अब पूरा पूरा
भस्म वाली रस्म कर दो आदियोगी
योग उत्सव रंग भर दो आदियोगी
बज उठे ये मन सितारी
झनन झननन झनन झननन
सांस शाश्वत सनन सननन
प्राण गुंजन घनन घननन
सांस शाश्वत सनन, सननन
प्राण गुंजन घनन घननन
उतरे मुझ में आदियोगी
योग धारा छलक छनछन
सांस शाश्वत सनन सननन
प्राण गुंजन घनन घननन
उतरे मुझ में आदियोगी
उतरे मुझ में आदियोगी



Writer(s): prasoon joshi


Kailash Kher - Adiyogi the Source of Yoga
Album Adiyogi the Source of Yoga
date de sortie
19-02-2017




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