Lata Mangeshkar - Aajkal Paon Zaamin Par Nahin Padte - From "Ghar" paroles de chanson

paroles de chanson Aajkal Paon Zaamin Par Nahin Padte - From "Ghar" - Lata Mangeshkar




आज कल पाँव जमींपर नही पड़ते मेरे
बोलो देखा है कभी तुमने मुझे उड़ते हुए
जब भी थामा है तेरा हाथ तो देखा है
लोग कहते हैं की बस हाथ की रेखा है
हम ने देखा है दो तकदीरों को जुड़ते हुए
नींद सी रहती है, हल्कासा नशा रहता है
रात दिन आँखों में एक चेहरा बसा रहता है
परलगी आँखों को देखा हैं कभी उड़ते हुए
जाने क्या होता है, हर बात पे कुछ होता है
दिन में कुछ होता है और रात में कुछ होता है
थाम लेना जो कभी देखो हमे उड़ते हुए



Writer(s): GULZAR, R.D.BURMAN, R D BURMAN


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