Текст песни Yun Shaam Utarti hai Dil Mei - Beybaar Prashant
यूँ
शाम
उतरती
है
दिल
में
जैसे
लहरें
मिलती
साहिल
में
जब
राहों
से
हो
जाए
मुहब्बत
फिर
मज़ा
कहाँ
है
मंज़िल
में
मिलन
का
लम्हा
चुन
के
हमने
एक
सदी
में
घोल
दिया
है
घूँट
घूँट
कर
पीते
पीते
प्यास
बुझेगी
सात
जनम
में
अपने
दाएँ
गाल
पे
देखो
अब
भी
उस
साँझ
का
सूरज
लगा
हुआ
है
हँस
के
सूरज
छलका
दो
भँवर
उठने
दो
साहिल
में
यूँ
शाम
उतरती
है
दिल
में
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