Prashant Beybaar - Yun Shaam Utarti hai Dil Mei текст песни

Текст песни Yun Shaam Utarti hai Dil Mei - Beybaar Prashant



यूँ शाम उतरती है दिल में
जैसे लहरें मिलती साहिल में
जब राहों से हो जाए मुहब्बत
फिर मज़ा कहाँ है मंज़िल में
मिलन का लम्हा चुन के हमने
एक सदी में घोल दिया है
घूँट घूँट कर पीते पीते
प्यास बुझेगी सात जनम में
अपने दाएँ गाल पे देखो अब भी
उस साँझ का सूरज लगा हुआ है
हँस के सूरज छलका दो
भँवर उठने दो साहिल में
यूँ शाम उतरती है दिल में



Авторы: Beybaar Prashant


Prashant Beybaar - Feeling Dareeche
Альбом Feeling Dareeche
дата релиза
04-02-2022



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